नाइट शिफ्ट में काम करने के नुकसान जानिये

नाइट शिफ्ट में काम करने के नुकसान जानिये

सेहतराग टीम

तेज रफ्तार भागती जिंदगी में काम के घंटे बढ़ते जा रहे हैं और आराम के घंटे कम होते जा रहे हैं। कई जगह तो अलग अलग पालियों में काम होता है। समाचार चैनल, कई फैक्ट्रियां, अस्‍पताल आदि में चौबीसों घंटे काम होता है इसलिए कर्मचारियों को छह से आठ घंटी की पाली में काम करना पड़ता है। दिन या शाम की पाली में काम करने वालों के लिए नौकरी सामान्‍य होती है मगर रात की पाली में काम करने वालों के सिर्फ सेहत ही नहीं बल्कि उनकी आनुवांशिकी पर भी इसका असर पड़ सकता है।

रात की पाली में काम करने से शरीर के ‘डीएनए’ को नुकसान पहुंच सकता है और कैंसर, हृदय रोग तथा तंत्रिका तंत्र से जुड़े गंभीर रोग हो सकते हैं। एक अध्ययन में यह पाया गया है। 

एनेस्थेसिया जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में शोधार्थियों ने 49 चिकित्सकों के विभिन्न समय पर लिए गए रक्त के नमूनों का विश्लेषण किया है। हांगकांग विश्वविद्यालय के सियू वेई चोई ने बताया कि अध्ययन के नतीजों से यह स्पष्ट है कि एक रात में नहीं सोने पर शरीर में ऐसी समस्याएं आ सकती हैं, जो गंभीर रोगों का वजह बन सकती हैं।

शोधार्थियों ने पाया कि अध्ययन में शामिल किए गए रात पाली में काम करने वाले चिकित्सकों के शरीर में डीएनए की मरम्मत की गति धीमी पड़ गई और इनके डीएनए को उन लोगों की तुलना में ज्यादा नुकसान पहुंचा जो रात पाली में नहीं थे।

उन्होंने कहा कि डीएनए को नुकसान पहुंचने का विश्लेषण कर कैंसर और हृदय रोग जैसे रोगों के बढ़ते खतरे को समझने में मदद मिल सकती है।

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